ये फितरत नही है हमारी, भुल जाये अपनी चाहत को,
चाहते रहेगे हम तो जिन्दगी भर, ऐ मुझे भुलाने वाले।
लिख दिया है नाम हमने, दिल की गहराइयों मे तेरा,
ना मिटेगा, कर कोशिशें जितनी भी, ऐ मिटाने वाले।
शम्मे वफा जला के रखेंगें, इस दिल मे जिन्दगी भर,
तुम करो नजरअंदाज चाहे मुझे, दिल से भुलाने वाले।
सह-सह के सितम अब, दिल पत्थर सा हो गया है,
दिल तेरा दुखा तो क्या होगा,सोच मुझे सताने वाले।
मान लिया की बहुत बुरे है, आज तेरी नजरों मे हम,
याद करोगे हमें भी, कभी थे कोई, वफा निभाने वाले।
जिन्दगी मे रह रह के, उठेगी टीस तेरे दिल मे भी,
क्या रह पावोगें अकेले, नजरो से मुझे गिरानेवाले।
फिक्र है मुझे, लेकिन अपनी नही, बस केवल तुम्हारी,
कैसे करोगे सफर, तुम एक अकेले, मुझे डुबोने वाले।
सुनो जंगल के सारे दरख्तो, जागते रहो तुम भी अब,
तन्हा कोई डर ना जाये ,पनाह मे तुम्हारी आनेवाले। {अधीर }