गुरुवार, 31 जनवरी 2013

ये फितरत नही है हमारी...

ये फितरत नही है हमारी, भुल जाये अपनी चाहत को,
चाहते रहेगे हम तो जिन्दगी भर, ऐ मुझे भुलाने वाले।

लिख दिया है नाम हमने, दिल की गहराइयों मे तेरा,
ना मिटेगा, कर कोशिशें जितनी भी, ऐ मिटाने वाले।

शम्मे वफा जला के रखेंगें, इस दिल मे जिन्दगी भर,
तुम करो नजरअंदाज चाहे मुझे, दिल से भुलाने वाले।

सह-सह के सितम अब, दिल पत्थर सा हो गया है,
दिल तेरा दुखा तो क्या होगा,सोच मुझे सताने वाले।

मान लिया की बहुत बुरे है, आज तेरी नजरों मे हम,
याद करोगे हमें भी, कभी थे कोई, वफा निभाने वाले।

जिन्दगी मे रह रह के, उठेगी टीस तेरे दिल मे भी,
क्या रह पावोगें अकेले, नजरो से मुझे गिरानेवाले।

फिक्र है मुझे, लेकिन अपनी नही, बस केवल तुम्हारी,
कैसे करोगे सफर, तुम एक अकेले, मुझे डुबोने वाले।

सुनो जंगल के सारे दरख्तो, जागते रहो तुम भी अब,
तन्हा कोई डर ना जाये ,पनाह मे तुम्हारी आनेवाले। {अधीर }

शनिवार, 26 जनवरी 2013

कविता

हे प्रभू ...

नही चाहिए हमारे देश को....

पश्च्चिम देशो के जैसा विकास,

तन पर ना आधे-अधूरे लिबास,

चाहिए नही है चमक -दमक ,

न अनगिनित पैसो की खनक,

किसी पर नही हमे रौब चाहिए,

न किसी पर हमारा खौफ चाहिए,

नही चाहिए अब कोई विकृति,

लौटा दो हमे हमारी -संस्कृति.

हमे चाहिये तो बस....

वो आपस का भाई चारा,

मेरा प्यारा, भारत न्यारा,

हर दिल में हो देश -भक्ति,

दे दो वो वीरो की सी शक्ति,

पुरे विश्व मे लहराये तिरगें की शान,

हर नज़र में बना रहे बहनों का मान,

हो उन्‍हें सम्‍मान से जीने का हक,

न रहे मेरे देश में अब कोई भी रंक,

बच्चा देश का ,कोई भी भूखा ना सोये ,

कोई माँ अब, बेटियों के दुःख से न रोये,

हे प्रभु ...

इतनी सी हमारी प्रार्थना है ,

कहाँ ये कोई बड़ी कामना है !!!..... [ अधीर ]

मंगलवार, 8 जनवरी 2013

सच तो ये है कि ......

सच तो ये है कि मै अब, याद नही करता हुँ उन्को,
ख्वाबो ख्यालो मे अक्सर,  आ ही जाते है मेरे वो।

रोज झटकता हुँ,  उन्की यादो को दिलो-दिमाग से ,
दिल के किसी कोने मे अक्सर, रह जाते है मेरे वो।

सोचता नही हुँ मै आजकल, उन्के बारे मे कुछ भी ,
हर लम्हा अहसास अपना, करा ही जाते है मेरे वो ।

दिल खुश हो या उदास, मै ऱहुँ भीङ मे या रहुँ तन्हा ,
क्या करुँ वक्त बेवक्त याद, दिला ही जाते है मेरे वो।   


{ अधीर }