मुझ मे मेरा ही वजूद था वो,
मेरा मुझसे ही अब, जुदा हो गया कोई।
दिल लगाने की ख़ता की थी,
आज चॉद भी निकला, तो डर गया कोई।
हमराही भी युँ बदला उसने,
पुराना लिबास अब, जैसे छोङ गया कोई।
वो ऐसे दुर चला गया मुझसे,
अपने ही घर से, जैसे निकल गया कोई।
जिन्दगी की किताब था वो,
हर्फ नही खाली लकीरें ही,छोङ गया कोई। {अधीर }
मेरा मुझसे ही अब, जुदा हो गया कोई।
दिल लगाने की ख़ता की थी,
आज चॉद भी निकला, तो डर गया कोई।
हमराही भी युँ बदला उसने,
पुराना लिबास अब, जैसे छोङ गया कोई।
वो ऐसे दुर चला गया मुझसे,
अपने ही घर से, जैसे निकल गया कोई।
जिन्दगी की किताब था वो,
हर्फ नही खाली लकीरें ही,छोङ गया कोई। {अधीर }