तेरी ही यादों मे , खोये रहता हुँ मै ,
मेरी चाहतो से ,क्यो बेपरवाह हो तुम।
बहाने ढुंढ़ता हुँ ,तुम्हे याद करने के
कैसे समझाऊँ,मेरी जिन्दगी हो तुम।
मेरी चाहत की, नाकामी का क्या कहुँ,
कबुल ना हुयी अब तक,वो दुआ हो तुम।
हर सांस मे बस, तेरी यादों की महक है,
इस तरसते दिल का, अरमान हो तुम।
कुछ और ख्वाब ही, नही है जिन्दगी मे,
दिल का बस, आखिरी अरमान हो तुम। { अधीर }
मेरी चाहतो से ,क्यो बेपरवाह हो तुम।
बहाने ढुंढ़ता हुँ ,तुम्हे याद करने के
कैसे समझाऊँ,मेरी जिन्दगी हो तुम।
मेरी चाहत की, नाकामी का क्या कहुँ,
कबुल ना हुयी अब तक,वो दुआ हो तुम।
हर सांस मे बस, तेरी यादों की महक है,
इस तरसते दिल का, अरमान हो तुम।
कुछ और ख्वाब ही, नही है जिन्दगी मे,
दिल का बस, आखिरी अरमान हो तुम। { अधीर }
बहुत खुबसूरत गजल
जवाब देंहटाएंlatest postलुटेरे !
Aabhar apka ...
जवाब देंहटाएंप्रेम पगी सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंAabhar apka... Sangeeta swaroop ji
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति | आभार
जवाब देंहटाएंTamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
abhari hu apka...@ Tushar Raj ji
हटाएंसुंदर अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंbahut bahut sukriya... apka, @ऋता शेखर मधु ji
हटाएंबहुत खुबसूरत गजल
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लोग्स संकलक (ब्लॉग कलश) पर आपका स्वागत है,आपका परामर्श का सर आँखों पर.
हटाएं"ब्लॉग कलश"
dhanyawad..... Rajendrakumar ji
हटाएंआपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा बुधवार (13-02-13) के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
जवाब देंहटाएंसूचनार्थ |
ई. प्रदीप कुमार साहनीg... bahut bahut Aabhar apka ...
हटाएंबहुत सुन्दर ग़ज़ल....
जवाब देंहटाएंप्रेमपगी....
अनु
Tahe dil se sukriya... Anu ji
हटाएंThnxx.. a Lot... Yashwant Mathur ji
जवाब देंहटाएंहर सांस मे बस, तेरी यादों की महक है,
जवाब देंहटाएंइस तरसते दिल का, अरमान हो तुम।
कुछ और ख्वाब ही, नही है जिन्दगी मे,
दिल का बस, आखिरी अरमान हो तुम।
वाह ... बहुत ही बढिया।
bahut bahut Aabhar apka.... sada, Sis..
हटाएंबहाने ढुंढ़ता हुँ ,तुम्हे याद करने के
जवाब देंहटाएंकैसे समझाऊँ,मेरी जिन्दगी हो तुम।
..............बेहतरीन रचना देने के लिए आभार
@Sanjay bhaskar ji ,,, Sukriya..apka
हटाएं@Yashoda , di apne hi prerit kiya mujhe blog pe aane ke liye.. aabhar apka
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