चांदनी रात हो, हमसफर का साथ हो,
दिल कैसे ना मचलेगा..... तुम कहो।
सांसो मे खुशबु, हो मौसम बेइमान हो,
दिल कैसे ना मचलेगा ......तुम कहो।
ऑखो में उंमाद हो, सावन की फुहार हो,
दिल कैसे ना मचलेगा........ तुम कहो।
हाथो मे हाथ हो, इंकार ना इकरार हो,
दिल कैसे ना मचलेगा ......तुम कहो।
चाहतो का आलम हो,मदमस्त शाम हो,
दिल कैसे ना मचलेगा........ तुम कहो।
लरजते होठं हो, सासो की गर्माहट हो,
दिल कैसे ना मचलेगा..... तुम कहो। { अधीर }
दिल कैसे ना मचलेगा..... तुम कहो।
सांसो मे खुशबु, हो मौसम बेइमान हो,
दिल कैसे ना मचलेगा ......तुम कहो।
ऑखो में उंमाद हो, सावन की फुहार हो,
दिल कैसे ना मचलेगा........ तुम कहो।
हाथो मे हाथ हो, इंकार ना इकरार हो,
दिल कैसे ना मचलेगा ......तुम कहो।
चाहतो का आलम हो,मदमस्त शाम हो,
दिल कैसे ना मचलेगा........ तुम कहो।
लरजते होठं हो, सासो की गर्माहट हो,
दिल कैसे ना मचलेगा..... तुम कहो। { अधीर }
लरजते होठं हो, सासो की गर्माहट हो,
जवाब देंहटाएंदिल कैसे ना मचलेगा..... तुम कहो------bahut sunder
bahut bahut abhar apka .... Jyoti khare ji
हटाएंदिल तो हर हाल में मचलने के लिए शापित है अधीर साहब ..
जवाब देंहटाएंबेचारा दिल क्या करे ... ??
सुन्दर.. बढ़िया
Rahul ji ... wahi maine kaha hai saheb...Aabhar apka
हटाएंदिल तो मचलेगा ही,बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंsukriya... aapka.. Rajendra ji
हटाएंचाहतो का आलम हो,मदमस्त शाम हो,
जवाब देंहटाएंदिल कैसे ना मचलेगा........ तुम कहो।
वाह ... बेहतरीन
Sada , sis.... Bahut bahut Aabhar apka
हटाएंबहुत खूब सुन्दर लाजबाब अभिव्यक्ति।।।।।।
जवाब देंहटाएंमेरी नई रचना
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
पृथिवी (कौन सुनेगा मेरा दर्द ) ?
ये कैसी मोहब्बत है
Dhanyawad... Dinesh pareek ji
हटाएंसच में मचलेगा दिल तो
जवाब देंहटाएंbahut bahut abhar apka... @ Manu prakash ji
हटाएंदिल लेके मुफ्त कहते है कुछ काम का नही,
जवाब देंहटाएंउल्टी शिकायते हुई , अहसान तो गया,,,,
Recent post: रंग,
dil se sukriya apka ... Dhirendra singh ji
हटाएंमचल गया दिल मेरा...
जवाब देंहटाएंदेखो मेरा दिल मचल गया
@Yashoda di, .... Thnxx
हटाएंबहुत ही सुन्दर प्रेम अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएं:-)
Aabhar apka ... @Reena ji
हटाएंबहुत सुंदर कोमल भावाभिव्यक्ति सुरेश जी ,
जवाब देंहटाएंसाभार......
@ Aditi Poonam ji ... bahut bahut Aabhar
हटाएंThnxx a Lot... @Yashwant Mathur ji
जवाब देंहटाएंलरजते होठं हो, सासो की गर्माहट हो,
जवाब देंहटाएंदिल कैसे ना मचलेगा..... तुम कहो। {
मचलने को ही होता है यह दिल,कब मचले, किस पर मचले,यह परवाह कौन करता है.
बहुत खूब सुन्दर लाजबाब अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ ! सादर
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
अर्ज सुनिये
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