बिछुङने का दर्द, भुलें नहीं हम अब तक,
रस्ता देख रही है ,हमारी बिलखती आँखें।
मुद्दत हो गयी है, उन्को रुबरु देखे हुये भी,
इंतजार करती है,हमारी सिसकती आँखें।
टुटकर बिखर गये है,हम उन्की जुदाई मे,
नमी को तरसी थी,आज है बरसती आँखें।
दम घुटता है अब,तन्हाई के इन अंधेरों मे,
बंद हो जायेगी ,बिन देखे ही तरसती आँखें। {अधीर }
रस्ता देख रही है ,हमारी बिलखती आँखें।
मुद्दत हो गयी है, उन्को रुबरु देखे हुये भी,
इंतजार करती है,हमारी सिसकती आँखें।
टुटकर बिखर गये है,हम उन्की जुदाई मे,
नमी को तरसी थी,आज है बरसती आँखें।
दम घुटता है अब,तन्हाई के इन अंधेरों मे,
बंद हो जायेगी ,बिन देखे ही तरसती आँखें। {अधीर }
दम घुटता है अब,तन्हाई के इन अंधेरों मे
जवाब देंहटाएं------------------------------
दर्द झलकता है अधीर साहब .....
Rahul ji ....bas lafz hai ... Aabhar apka
हटाएंनजर जिसकी तरफ करके,तुम निगाहें फेर लेते हो,
जवाब देंहटाएंक़यामत तक फिर उस दिल की परेशानी नही जाती,,,,,
RECENT POST बदनसीबी,
sukriya... Dhirendra ji ...
हटाएंवाह ... बेहतरीन भाव
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढिया लिखा है आपने ... आभार
sada, sis... Bahut bahut dhanyawad..
हटाएंटुटकर बिखर गये है,हम उन्की जुदाई मे,
जवाब देंहटाएंनमी को तरसी थी,आज है बरसती आँखें..
ये जुदाई का असर है ... मुहब्बत में ऐसा होता है ...
Digaamber nasawa ji...sukriya...apka
हटाएंमुद्दत हो गयी है, उन्को रुबरु देखे हुये भी,
जवाब देंहटाएंइंतजार करती है,हमारी सिसकती आँखें।
वाह ...बहुत ही बढिया....
कुश्वंश ji ... Bahut bahut Aabhar apka
हटाएंदम घुटता है अब,तन्हाई के इन अंधेरों मे,
जवाब देंहटाएंबंद हो जायेगी ,बिन देखे ही तरसती आँखें। {अधीर }
.....वाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
@ Sanjay bhaskar ji ....Tahedil se sukriya ...
हटाएंजुदाई का असर है अधीर साहब
जवाब देंहटाएं:-) ;-)
हटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुती,आभार अधीर जी।
जवाब देंहटाएंDhanyawad.... @ Rajendra kumar ji
हटाएंबहुत ही अच्छा लिखा है ...
जवाब देंहटाएंहर पंक्ति में वियोग का भाव बखूबी समाया है..
बहुत ही लाजवाब..
बेहतरीन....
Bahut bahut Aabhar apka .... Reena ji
हटाएंअदभुत--बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई
sukriya ... Jyoti khare saheb
हटाएंउम्दा पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंAabhar apka .. Dr. Monika sharma ji
हटाएंबहुत ही लाजवाब.
जवाब देंहटाएंLatest postअनुभूति : चाल ,चलन, चरित्र (दूसरा भाग )
Tahe dil se sukriya...
हटाएंबहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति सराहनीय प्रस्तुति .आभार राजनीतिक सोच :भुनाती दामिनी की मौत आप भी जाने अफ़रोज़ ,कसाब-कॉंग्रेस के गले की फांस
जवाब देंहटाएंAabhar apka... Shalini ji
हटाएंबहुत सुंदर बेहतरीन भाव,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST: रिश्वत लिए वगैर...
Tahedil se sukriya... Dhirendra ji
हटाएंलाजवाब
जवाब देंहटाएंThnxx. A Lot... Yashoda , di
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