बुधवार, 6 फ़रवरी 2013

हमारी आँखें

बिछुङने का दर्द, भुलें नहीं हम अब तक,
रस्ता देख रही है ,हमारी बिलखती आँखें।

मुद्दत हो गयी है, उन्को रुबरु देखे हुये भी,
इंतजार करती है,हमारी सिसकती आँखें।

टुटकर बिखर गये है,हम उन्की जुदाई मे,
नमी को तरसी थी,आज है बरसती आँखें।

दम घुटता है अब,तन्हाई के इन अंधेरों मे,
बंद हो जायेगी ,बिन देखे ही तरसती आँखें। {अधीर }

गुरुवार, 31 जनवरी 2013

ये फितरत नही है हमारी...

ये फितरत नही है हमारी, भुल जाये अपनी चाहत को,
चाहते रहेगे हम तो जिन्दगी भर, ऐ मुझे भुलाने वाले।

लिख दिया है नाम हमने, दिल की गहराइयों मे तेरा,
ना मिटेगा, कर कोशिशें जितनी भी, ऐ मिटाने वाले।

शम्मे वफा जला के रखेंगें, इस दिल मे जिन्दगी भर,
तुम करो नजरअंदाज चाहे मुझे, दिल से भुलाने वाले।

सह-सह के सितम अब, दिल पत्थर सा हो गया है,
दिल तेरा दुखा तो क्या होगा,सोच मुझे सताने वाले।

मान लिया की बहुत बुरे है, आज तेरी नजरों मे हम,
याद करोगे हमें भी, कभी थे कोई, वफा निभाने वाले।

जिन्दगी मे रह रह के, उठेगी टीस तेरे दिल मे भी,
क्या रह पावोगें अकेले, नजरो से मुझे गिरानेवाले।

फिक्र है मुझे, लेकिन अपनी नही, बस केवल तुम्हारी,
कैसे करोगे सफर, तुम एक अकेले, मुझे डुबोने वाले।

सुनो जंगल के सारे दरख्तो, जागते रहो तुम भी अब,
तन्हा कोई डर ना जाये ,पनाह मे तुम्हारी आनेवाले। {अधीर }

शनिवार, 26 जनवरी 2013

कविता

हे प्रभू ...

नही चाहिए हमारे देश को....

पश्च्चिम देशो के जैसा विकास,

तन पर ना आधे-अधूरे लिबास,

चाहिए नही है चमक -दमक ,

न अनगिनित पैसो की खनक,

किसी पर नही हमे रौब चाहिए,

न किसी पर हमारा खौफ चाहिए,

नही चाहिए अब कोई विकृति,

लौटा दो हमे हमारी -संस्कृति.

हमे चाहिये तो बस....

वो आपस का भाई चारा,

मेरा प्यारा, भारत न्यारा,

हर दिल में हो देश -भक्ति,

दे दो वो वीरो की सी शक्ति,

पुरे विश्व मे लहराये तिरगें की शान,

हर नज़र में बना रहे बहनों का मान,

हो उन्‍हें सम्‍मान से जीने का हक,

न रहे मेरे देश में अब कोई भी रंक,

बच्चा देश का ,कोई भी भूखा ना सोये ,

कोई माँ अब, बेटियों के दुःख से न रोये,

हे प्रभु ...

इतनी सी हमारी प्रार्थना है ,

कहाँ ये कोई बड़ी कामना है !!!..... [ अधीर ]

मंगलवार, 8 जनवरी 2013

सच तो ये है कि ......

सच तो ये है कि मै अब, याद नही करता हुँ उन्को,
ख्वाबो ख्यालो मे अक्सर,  आ ही जाते है मेरे वो।

रोज झटकता हुँ,  उन्की यादो को दिलो-दिमाग से ,
दिल के किसी कोने मे अक्सर, रह जाते है मेरे वो।

सोचता नही हुँ मै आजकल, उन्के बारे मे कुछ भी ,
हर लम्हा अहसास अपना, करा ही जाते है मेरे वो ।

दिल खुश हो या उदास, मै ऱहुँ भीङ मे या रहुँ तन्हा ,
क्या करुँ वक्त बेवक्त याद, दिला ही जाते है मेरे वो।   


{ अधीर }

सोमवार, 31 दिसंबर 2012

बता दिजीये मुझे.....

चाहतें मेरी कम है, या चाहना तुम्हे है जुर्म,
इक बार आकर बता दिजीये मुझे।

कब तक जियें, तन्हाई के इन अन्धेरो मे,
इक रौशनी तो दिखा दिजीये मुझे।

बांधे रखूं कब तक, सांसों की लङी को मै,
रुख़सत-ए-वक्त बता दिजीये मुझे।

अपने दिल मे बसाकर, अपना बना लो,
या नज़रो से गिरा दिजीये मुझे।

अपनी कहते हो, ना सुनते हो मेरी कुछ,
बस हकिकत बता दिजीये मुझे।

भटक ना जायें ,जिन्दगी की राहो मे हम,
रास्ता बस वो दिखा दिजीये मुझे।

भर दो खुशियां तुम, जिन्दगी मे मेरी भी,
या खाक मे मिला दिजीये मुझे।                { अधीर }

शुक्रवार, 28 दिसंबर 2012

ख्वाब दिल का....

नामुमकिन है मिलना उसका,अब इस ज़िदंगी मे ,
ख्वाब दिल का अब, बिखर ही जाये तो अच्छा है।

कट जायेगा ये सफ़र भी, अंधेरो मे या उजालों मे,
उदासीयों का  दौर अब, गुजर जाये तो अच्छा है।

कब तक जियेगा कोई , किसी की यादों के सहारे ,
दर्द ऑसु बनके ,ऑखों से बह जाये तो अच्छा है।

जानता हुं आसान नही, खुद का खुद से जुदा होना ,
जिदंगी उसकी सही, अब संवर जाये तो अच्छा है।

कब सोचा था कि,जिदंगी मे ऐसा वक़्त भी आयेगा,
आखिरी बार सही,उसका दीदार हो जाये अच्छा है।